Chalawa ki dahshat ek succhi kahani Options

एकांत पाते ही विभारानी जयति से मुखातिब हुई- “जयति, तुम अकेली क्यों और घर के नाम-पट पर –“यह घर मेरा .

गांव के मर्द खेतों से खरपतवार को हटा रहे हैं और खेतों में आग लगा कर झाड़- झंकड़ को साफ करने में लगे हैं।

मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, क्योंकि गाँव में लोग जल्दी ही जग जाते है इसलिए शायद यह भी मेरी ही तरह जल्दी जग गया होगा और अपनी छत पर टहल रहा होगा। तो मैं भी व्यायाम करने लगा।

इधर गांव में सभी महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग डरे परेशान उस ओर देखे जा रहे थे। मैं बहुत डरा हुआ था, अपनी दादी से चिपका हुआ था, और पूछ रहा था कि दादी क्या हुआ, तो दादी ने बताया कि गांव का एक जवान लड़का ऊपर पहाड़ वाले खेत पर "गोट" पर था, तो उसे "भूत" गांव की "केरी"की ओर ले जा रहा है, जहां उसकी जिंदगी खतरे में है। गांव के सभी लोग उसे बचाने उन खेतों की ओर भागे हैं। ये सुनकर मेरी तो जान ही निकल गई।

लेकिन क्यों है ऐसा नाम और क्या है उसकी कहानी ?

ये घटना जब भी मेरे जहन में आती है तो मेरे आंखों के सामने फिर से वही परिदृश्य घूमने लगता है कि क्या वास्तव में ऐसा कुछ आज के जमाने में भी संभव है, आज इस घटना को ३० साल से ज्यादा का समय हो गया है पर लगता है कल की ही बात हो।

ये एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी है, पहाड़ों में आज भी भूनी हुई किसी भी चीज को खुले में, अनजानी जगहों पर, रात में या कहीं जंगलों में खाने के लिए मना किया जाता है, ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने पर छलावा (भूत) उसे छल लेता है।

एक साथ कई तरह के भाव अलका के चेहरे पर आकर धमाचौकड़ी करने लगे। चिट्ठी हाथ में दबाए वह बहुत तेज़ी से द.

‘ बस पहुँच ही रहे हैं ।’ आलोक अंकल ने उत्तर दिया । उसकी स्थिति देखकर। .

मैं तेजी से नीचे आया और कंबल ओढ़ कर सो गया। सुबह मैंने ये बात अपने घर वालों को बताई तो किसी ने भी मेरा विश्वास नहीं किया, सिवाय मेरी दादी के।

उन्होने कहा कि वो एक छलावा था और छलावा बहुत ही ख़तरनाक होते हैं। तेरी जान इसलिए बच गयी क्यूंकि तेरे गले में यह माता रानी का रक्षा कवच था। तब मुझे याद आया कि यह तो मैंने थोड़े दिन पहले ही अपने गले में बांधा था।

अभी रात में खाना खाने के बाद हम सब ख्वाल ( गांव का एक छोटा मोहल्ला) में बाहर ही खटिया लगा के दादी से कहानी सुन रहे थे, कुछ तो अभी जुगनू पकड़ने में व्यस्त हैं, रात बहुत धीरे धीरे गहरा रही है और हम सब सोने की तैयारी करने लगे हैं, अभी नींद आईं ही थी कि सहसा गांव में हर तरफ शोर होने लगा, हलचल बढ़ गई, सभी उठ गए कि आखिर क्या माजरा है, बुजुर्ग आपस में बात करने लगे, और हम सब बच्चे डर के मारे अपने अपने माता पिता, दादी, दादा, ताई, से चिपक कर रोने लगे, समझ ही नहीं आ रहा था कि इतनी रात कौन शोर कर रहा है और क्यों ?

Chalawa is supernatural story of the younger Lady named Sawera that's possessed by more info delivery by a Chalawa (a variety of supernatural demon) obtaining the power of betrayal and illusion. Her father Aamir experienced died just before her delivery but small did she realize that Professor Hamdani was at the rear of the betrayal who However seemed to be a savior to her mom Mahnoor earlier in her childhood just after he "assisted" remove the Chalawa named Sarnash from Sawera.[3]

सभी बुजुर्ग आपस में मंत्रना कर रहे थे कि कैसे गिरीश को बचाया जाए, और हम सब सुन रहे थे कि कोई गांव का गिरीश भाई संकट में है, पर समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें आखिर हुआ क्या है ? और किस तरह से वो संकट में हैं ? अभी हम बुजुर्गो की बात सुन ही रहे थे कि एक जोर की आवाज गूंजने लगी कि उसे "केरी" (गांव की लक्ष्मण रेखा, जो गांव को बुरी बला से बचाती है) की तरफ ले जाने का प्रयास हो रहा है, और अगर उसने उसे "केरी" के बाहर ले गया तो फिर उसे कोई नहीं बचा सकता, हम सभी बच्चे, दादी, चाचियां सब परेशान,

इस आस के संग उसने अपने घायल तन-मन को समझाने के साथ अपने अनियंत्रित विचारों को झटकने का प्रयत्न किया .

सुनीता चुप रह गई । बाद में वह पूर्वा के कमरे में गई और बोली, ‘‘सौरी बेटा, आज तूने। .

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